जन्मदिन विशेषः एंग्री यंग मैन की छवि वाले राजनेता की मुख्यमंत्री तक सफर तय करने की कहानी
गगहा क्षेत्र के बेलावीर गांव में खलिहान की जमीन है। वादी शिवहरि की ओर से उनके अधिवक्ता रामानंद गौतम ने विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट सत्यानंद उपाध्याय के कोर्ट में बताया कि गांव की खलिहान की जमीन पर गांव के ही वीरेंद्र चंद, गुड्डू चंद, रणधीर चंद, इंद्रसेन चंद, संदीप उर्फ सिप्पू चंद व शशि चंद जबरिया कब्जा करने लगे। जब वादी के पिता व गांव के अन्य लोग इसका प्रतिरोध किए तो पुलिस का साथ मिलने का रौब दिखाते हुए जातिसूचक गालियां दी और मारपीट की। मामला पुलिस तक पहुंचा।
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कोर्ट में बताया गया कि 15 मई 2018 को गगहा थानेदार सुनील कुमार सिंह ने वादी शिवहरि के पिता जीतू प्रसाद सहित गांव के कुछ लोगों को थाने पर बुलाया। आरोप है कि पहले से थाने में मौजूद विपक्षियों ने पुलिस की शह पर उन लोगों को बुरी तरह मारा पीटा। लाठी-डंडों से मारने पीटने के बाद दूसरे पक्ष के दिनेश चंद, रणधीर चंद व वीरेंद्र चंद ने अपना अपना रिवाल्वर निकालकर फायर किया। थानेदार सुनील सिंह ने भी अपने सर्विस रिवाल्वर से फायर कर उन लोगों का साथ दिया। वादी ने बताया कि इस मारपीट में उन लोगों को गंभीर चोटें आई।जीरो टाॅलरेंस वाले मुख्यमंत्री के शहर का यह हाल तो सूबे में भ्रष्टाचार मुक्त विकास की कैसे हो बात
मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट सत्यानन्द उपाध्याय ने 15 पुलिसकर्मियों समेत 23 लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास, मारपीट, एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया है।